वो शहर की सबसे अमीर लड़की थी — अकड़, घमंड, और बेमिसाल हुस्न उसकी पहचान थी। और वो... जंगलों से आया एक तन्हा भेड़िया — जिसकी आंखों में आग थी और दिल में कोई रहस्य छुपा था। उनकी पहली मुलाकात... तूफ़ान की तरह थी। "तेरी औकात नहीं कि तू मुझसे बात कर सके!" — लड़की ने झड़कते हुए कहा। "और तेरी किस्मत नहीं... कि तुझसे जान बचा सको!" — लड़के ने गुर्राते हुए जवाब दिया। वो उसे मारने आया था, पर छू भी न सका। उस रात, वो उसके बेहद पास था... इतना पास, कि धड़कनें रुकने लगी थीं — पर वो मर नहीं सकी... बल्कि, वो उसकी हो गई।
Story
Junoon-e-Bhediya" (जुनून-ए-भेड़िया) जब इश्क़ में लहू की प्यासी होती है



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